"ड्रिश्याम" (2015) Drishyam

“ड्रिश्याम” (2015) एक थ्रिलर फिल्म है जो एक साधारण परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है और उनके जीवन में आने वाले एक बड़े संकट को दर्शाती है। फिल्म की कहानी विजय सलगांवकर (अजय देवगन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो गोवा में रहने वाला एक साधारण व्यक्ति है और फिल्मों का बहुत बड़ा शौकीन है। विजय का परिवार उसकी पत्नी नंदिनी (तब्बू) और दो बेटियों, अनु (ईशिता दत्ता) और अन्जू (मृणाल जाधव) से मिलकर बना है।

एक दिन, अनु एक युवक समीर (रिशि भटनागर) के साथ एक वीडियो बनाती है, जो उसकी निजी जानकारी को लेकर उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश करता है। इस घटना के दौरान, समीर और अनु के बीच झगड़ा हो जाता है, और अनु गलती से समीर को मार देती है। विजय और उसका परिवार इस घटना को छुपाने की कोशिश करते हैं, और विजय अपने फिल्मी ज्ञान का उपयोग करके एक जटिल योजना बनाता है ताकि वे पुलिस और कानून से बच सकें।

समीर की मां, इंस्पेक्टर जनरल मीरा देशमुख (तब्बू), इस मामले की जांच करती है और विजय के परिवार पर शक करती है। विजय और उसका परिवार पुलिस के सामने अपनी बात रखने के लिए एक के बाद एक झूठ बोलते हैं, और विजय की चतुराई से वे हर बार पुलिस को चकमा देने में सफल होते हैं।

फिल्म का क्लाइमैक्स तब आता है जब विजय की योजना पूरी तरह से सामने आती है, और यह पता चलता है कि उसने कैसे पुलिस और कानून को चकमा दिया। फिल्म का अंत एक बड़े ट्विस्ट के साथ होता है, जो दर्शकों को हैरान कर देता है।

“ड्रिश्याम” को इसकी रोमांचक कहानी, शानदार पटकथा और अजय देवगन के शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि आपको सोचने पर भी मजबूर करती है।